Shivi Dixit

धर्म की भूमि भारत ने अनेक संतों को जन्म दिया है, परंतु जब कोई केवल 19 वर्ष की उम्र में श्रीमद भागवत कथा के माध्यम से हज़ारों श्रद्धालुओं के हृदय को छू ले, तो वह कोई साधारण व्यक्तित्व नहीं होता। हम बात कर रहे हैं Shivi Dixit जी की – एक ऐसे दिव्य बाल संत की, जिन्होंने अपने तप, भक्ति और संकल्प से श्रीकृष्ण भक्ति को जन-जन तक पहुँचाया है।

बालपन से ही ठाकुरजी के चरणों में लीन

Shivi Dixit जी ने मात्र पाँच वर्ष की अल्पायु में ठाकुरजी के सेवा-पथ पर कदम रख दिया था। उनका हृदय बचपन से ही राधा-कृष्ण की भक्ति में रम गया और केवल 14 वर्ष की आयु में उन्होंने श्रीमद भागवत कथा के मंच पर अपनी पहली प्रस्तुति दी। तभी से लोग उन्हें “किशोरी Shivi Dixit” के नाम से जानने लगे।

कथा नहीं, एक दिव्य अनुभूति

जब Shivi Dixit कथा वाचन करते हैं, तो वातावरण केवल आध्यात्मिक नहीं होता, वह साक्षात कृष्णमय हो जाता है। उनकी मधुर वाणी, गहराई से जुड़ी हुई भक्ति और संपूर्ण समर्पण श्रोताओं को भावविभोर कर देता है। ऐसा प्रतीत होता है मानो स्वयं श्रीकृष्ण उनकी जिव्हा से कथा का वर्णन कर रहे हों।

देश के कोने-कोने में पहुँची दिव्य वाणी

भारत के विभिन्न राज्यों में Shivi Dixit जी की कथाओं का आयोजन हो चुका है। हर कथा के बाद भक्तगण उनके साथ गहरा आध्यात्मिक संबंध अनुभव करते हैं। श्रीमद भागवत के प्रत्येक प्रसंग को वह इतनी भावनात्मकता और सरलता से प्रस्तुत करते हैं कि हर वर्ग, हर उम्र के लोग सहज रूप से जुड़ जाते हैं।

गंगा और नर्मदा के आशीष से पुष्ट

Shivi Dixit जी की आध्यात्मिक यात्रा को माँ गंगा और माँ नर्मदा जी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त है। उनकी कथाओं में इस आशीर्वाद की स्पष्ट झलक देखने को मिलती है – वह श्रद्धा, वह शांति, वह ऊर्जा जो आत्मा को भीतर तक छू ले।

आप भी बनें इस भक्ति अनुभव का हिस्सा

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भक्तों की सच्ची भावनाएँ

जब Shivi Dixit जी व्यासपीठ पर बैठते हैं, तो लगता है जैसे कोई बालरूप में भगवान स्वयं कथा कह रहे हों।
– Meet Soni

उनकी वाणी में वह शक्ति है जो मन को शांति देती है और आत्मा को भक्ति की ओर मोड़ देती है।
– Dharmik Makwana

निष्कर्ष

Shivi Dixit केवल एक कथा वाचक नहीं, बल्कि एक ऐसी आध्यात्मिक शक्ति हैं जो युवा होते हुए भी भक्ति की गहराई को साकार कर रहे हैं। उनकी कथाओं में कृष्ण प्रेम है, माधुर्य है और सबसे बड़ी बात – आत्मिक जागरण है।

🙏 जय श्रीकृष्ण 🙏
🙏 राधे राधे 🙏